बैलहोंगल तालुक में संपगाव के पास बैलवाड़ की झील का कायाकल्प शुरू हो गया। इसके कायाकल्प का जिम्मा गैर सरकारी संगठन ‘प्यास फाउंडेशन’ ने लिया है, जो जिले को सूखामुक्त बनाने और वर्षा जल का अधिकतम उपयोग करने के लिए काम कर रहा है।
8 एकड़ में फैली यह झील हर साल जनवरी के अंत तक सूख जाती है। इस परियोजना के तहत झील को पाँच फीट तक खोदा जाएगा ताकि भंडारण क्षमता बढ़े जिससे आसपास की आबादी को पानी उपलब्ध कराया जा सके। लगभग 7 हजार, और आसपास के भूजल स्तर में भी वृद्धि हुई है।
पूजा अर्चना करने के साथ झील की खुदाई शुरू की गई। इस मौके पर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. माधव प्रभु, तथा अन्य पदाधिकारी अभिमन्यु डागा, डॉ. प्रीति दोदवाड-कोरे, निदेशक सतीश लाड, दीपक ओउलकर, गिरीश बागी, बैलवाड़ जिला पंचायत के अध्यक्ष द्रश्याणी जीरपन्नवर, सदस्य अनिल मकलमरडी, वीएस गिरेपन्नवर, सीएस गिरप्पनवर, रवि गडाद, तालुक पंचायत ईओ मुल्ला, पीकेपीएस सदस्य वीआर गिरिपन्नवर के साथ भाविहाल स्कूल के प्रधानाचार्य रामनगौड़ा मौजूद थे। परियोजना को मई के महीने से पहले पूरा करने की योजना है।