बेंगलुरु की वित्तीय फर्म आई मॉनेटरी एडवाइजरी (आईएमए) द्वारा लोगों के साथ की गई धोखाधड़ी के विरोध में बेलगाम के अनेक लोग आज अजुमन हॉल में एकत्र हुए और बाद में इस फर्म द्वारा लोगों के साथ की गई धोखाधड़ी के सम्बन्ध में पुलिस आयुक्त को ज्ञापन दिया।
फर्म में डिपॉजिट करने वाले अधिकांश लोग मध्यम आय वर्ग के हैं जिन्होंने कंपनी में लाखों रुपये जमा किये हैं जिसके लिए उन्हें अधिक ब्याज दर का वादा किया था। यह डिपॉजिट 1 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक है। इस फर्म की स्थापना साल 2006 में मोहम्मद मंसूर खान ने की थी।
खान ने उन मुसलमानों को निशाना बनाया जो ब्याज-आधारित व्यवसायों में पैसा लगाने से कतराते हैं। कंपनी की टैगलाइन आकर्षक था: समृद्धि के लिए आपका साथी आईएमए। पैसा जमा करने वालों को ‘स्लीपिंग पार्टनर’ कहा जाता था।
फर्म ने मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक रिटर्न के साथ आकर्षक योजनाओं को पेश किया था। निवेश की जाने वाली राशि 50,000 रुपये से शुरू होती थी जो कई लाख में भी थी। योजना से हटने के लिए 30 से 45 दिनों का समय दिया जाता था।
बेंगलुरु में आईएमए ज्वेल्स के सात निदेशकों को मोहम्मद मंसूर खान द्वारा संचालित बहु-करोड़ पोंजी घोटाले में उनकी कथित भूमिका जानने के लिए विशेष जांच दल द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उनसे पूछताछ की जा रही है।