Friday, November 15, 2024

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प्रकाश अंबेडकर ने दिए कर्नाटक के 11 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत

 belgaum

दलित, मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को भारतीय गणतंत्र पार्टी (भारिपा) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की ओर से महाराष्ट्र, कर्नाटक और देश के विभिन्न अन्य हिस्सों से लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा। यह बात भारिपा के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश अंबेडकर ने बेलगाम में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कही।

उन्होंने कहा कि भारत में दो विचारधाराएं हैं एक संविधान के पक्ष में है और दूसरी मनुस्मृति के पक्ष में है। संविधान धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी को अधिकार देता है जबकि मनुस्मृति केवल उच्च जाति के हिंदुओं को स्थान देती है। आज 15 फीसदी सवर्ण 130 करोड़ आबादी पर राज कर रहे हैं, जबकि पिछड़े, दलित और मुस्लिम जो कि देश में अधिक हैं, उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। महात्मा गांधी की कांग्रेस पार्टी समय की अवधि में बहुत बदल गई है अब परिवार पार्टी बन गई है। कांग्रेस हिंदू धर्म पर नरम है जबकि भाजपा कट्टर हिंदूवाद को बढ़ावा देती है। कोई भी अन्य वर्ग, धर्म के लोगों के बारे में नहीं सोच रहा है।

Prakash ambedkar

कांग्रेस नेता शंकर मुनवल्ली, एआईएमआईएम के राज्य सचिव लतीफ खान पठान, अधिवक्ता अन्नासाहेब पाटिल और अन्य नेता इस अवसर पर मौजूद थे। बैठक में कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा के सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। दोनों पार्टियों ने हैदराबाद-कर्नाटक और मुंबई-कर्नाटक में 11 सीटों के लिए गठबंधन किया है। प्रकाश अंबेडकर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमने 28 निर्वाचन क्षेत्रों में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में चर्चा करने के लिए बेलागाम में एआईएमआईएम और भारिपा कार्यकर्ताओं की एक संयुक्त बैठक की।

कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा ने भी कर्नाटक में लिंगायत समुदाय से राजनीतिक लाभ लिया, लेकिन कभी भी उनकी मुख्य मांग को पूरा नहीं किया। लिंगायत समुदाय को धर्म का दर्जा देना कर्नाटक में हमारे गठबंधन का मुख्य एजेंडा होगा।पुलवामा हमले के बाद बने राजनीतिक हालात पर उन्होंने कहा कि कई देशों ने बालाकोट में जैश आतंकवादियों के बेस कैंप पर एयर-स्ट्राइक करने के लिए भारतीय वायुसेना की सराहना की लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह ने राजनीतिक बयान देकर इस संवेदनशील विषय को भुनाने की कोशिश की और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को शर्मिंदा किया। अब मोदी को इस विषय को तस्वीरों और विवरणों का खुलासा करके समाप्त करना चाहिए कि हवाई हमले में कितने आतंकवादी मारे गए।

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