कर्नाटक उर्दू अकादमी के चेयरमैन मुबीन मुनव्वर ने कहा कि अकादमी प्रमुख उर्दू पुस्तकों का डिजिटलकरण और कन्नड़ में अनुवाद करने जा रही है। वह वरिष्ठ लेखक और पत्रकार अब्दुल समद ख़ानापुरी द्वारा लिखित उर्दू पुस्तक ‘बेलगाम तारीख की आइने में’ के दूसरे संस्करण और मुश्ताक हुसैन फारूकी द्वारा लिखित इक़बाल का कलाम बच्चों के नाम के विमोचन के बाद बोल रहे थे। शनिवार शाम यहां अंजुमन-ए-इस्लाम हॉल में अल्लामा इकबाल शाहीन क्लब ऑफ इंडिया द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुबीन मुनव्वर ने कहा कि पिछले चार महीनों में अकादमी ने 80 उर्दू किताबों की छपाई शुरू की और चार किताबों का कन्नड़ भाषा में अनुवाद किया। उन्होंने बेलगाम तारीख के आइने में पुस्तक को खरीदने का आश्वासन दिया और दोनों संस्करणों के ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण होने के चलते उनका अनुवाद किया जाएगा।
पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए जाने-माने कवि और लेखक मेहर अफ़रोज़ काठेवादी ने कहा कि यह ऐतिहासिक और समकालीन दृष्टिकोण से बेलगाम जिले के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की भूमिका और योगदान को दस्तावेज बनाने की दिशा में एक समर्पित शोध कार्य है। पुस्तक में कई संतों, 137 स्वतंत्रता सेनानियों, पिछले समकालीन कवियों, परोपकारी शिक्षाविदों आदि का विवरण शामिल है।
अपने अध्यक्षीय उदबोधन में पूर्व विधायक फिरोज सेठ ने कहा कि आज अल्पसंख्यक समुदाय को अपने अतीत के गौरवशाली इतिहास को ताजा रखने की जरुरत है। कार्यक्रम के बाद प्रसिद्ध गायक और संगीतकार रफीक शेख द्वारा गजल संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रोफेसर शौकत अली मनियार, लिंगराज राजू सेठ, लेखक अब्दुल समद खानापुरी, पत्रकार एम फारूक, विजयकुमार पाटिल, प्रकाश बिलगोजी भी इस अवसर पर बतौर अतिथि उपस्थित थे।