Wednesday, November 20, 2024

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पर्यावरणविदों ने किया राष्ट्रीय राजमार्ग-4 ए के चौड़ीकरण का विरोध’

 belgaum

पर्यावरणविदों के एक समूह ने राष्ट्रीय राजमार्ग-4 ए के चौड़ीकरण का विरोध किया है। उन्होंने इसको लेकर 5 जनवरी को बेंगलूरु स्थित फ्रीडम पार्क में विरोध कर कर्नाटक सरकार पर दबाव डालने का फैसला किया है।

पत्रकारों से बात करते हुए सुरेश हेबलीकर ने कहा कि इस चौड़ीकरण से पश्चिमी घाट में 30,000 से अधिक पेड़ गिराए जाएंगे। यहां के जंगल में मोर, गौर्स, हाथी, बाघ, भालू और दूसरे जानवरों का बसेरा है। दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट वन बहुत प्राचीन हैं जो लगभग 90 मिलियन वर्ष पुराना हैं।

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यह दक्षिण भारत की आबादी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में ठेकेदारों ने पेड़ों को गिराना शुरू कर दिया है और विकास कार्यों के नाम पर हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ये जंगल बारिश और इसलिए जल धाराओं का स्रोत हैं जिन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए। जीवविज्ञानी और पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा है कि इस क्षेत्र में तितलियां, काले पैंथर और चमगादड़ हैं। इन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए।

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